अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने हेतु प्रशासन मुस्तैद, कॉलेज की छात्राओं के साथ किया संकल्प कार्यक्रम का आयोजन

ग्वालियर । 28 अप्रैल 2025 को महिला एवं बाल विकास विभाग एवं सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट द्वारा विवाह मुक्त भारत अभियान पर संकल्प कार्यक्रम का आयोजन केआरजी कॉलेज ग्वालियर में आयोजित किया गया जिसमे कॉलेज की 250 छात्राओं ने भाग लिया एवं बाल विवाह की रोकथाम हेतु अपनी भागीदारी निभाने हेतु शपथ ली।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर साधना श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ संगीता सोमवंशी उपस्थित थी। कार्यक्रम की शुरुवात करते हुए सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट के ब्लॉक समन्वयक एवं सफल युवा मंडल के अध्यक्ष अरविन्द कुशवाह ने कहा कि अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसमें बाराती और लड़की के पक्ष के लोगों के अलावा कैटरर, साज-सज्जा करने वाले डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैंड बाजा वाले, मैरेज हाल के मालिक और यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित और मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा और उन्हें सजा व जुर्माना हो सकता है। इसके उपरांत कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर साधना श्रीवास्तव ने उपस्थित होकर सभी छात्राओं को बाल विवाह मुक्त भारत की शपथ दिलाई और कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हमारे आसपास में बाल विवाह नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग से संदीप श्रीवास्तव द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।

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